केंद्रीय उत्पाद शुल्क दिवस
(Central Excise Day)
प्रत्येक वर्ष 24 फरवरी को केंद्रीय उत्पाद और सीमा शुल्क बोर्ड (CBCE) द्वारा पूरे देश में केंद्रीय उत्पाद शुल्क दिवस मनाता है।
उद्देश्य : -
•केंद्रीय उत्पाद और कस्टम बोर्ड ऑफ इंडिया का अर्थव्यवस्था में योगदान तथा केंद्र सरकार की इस प्राथमिक कर संग्रह एजेंसी के अधिकारियों द्वारा की गई कड़ी मेहनत को सम्मानित करना। इसके अतिरिक्त ‘माल निर्माण व्यवसाय’ में भ्रष्टाचार की जाँच करने व देशवासियों को केंद्रीय उत्पाद और सीमा शुल्क बोर्ड के महत्व को बताना भी है।
कैसे मनाया जाता है :-
•विभिन्न सेमिनार, कार्यशालाएं, शैक्षिक और सांस्कृतिक कार्यक्रमों के अतिरिक्त केंद्रीय उत्पाद और सीमा शुल्क बोर्ड देश भर में इस दिन आम जनता को विभाग के अधिकारियों की भूमिकाओं और जिम्मेदारियों को समझने हेतु जागरूकता कार्यक्रमों की एक शृंखला भी आयोजित करता है।
पृष्ठभूमि :-
•केन्द्रीय उत्पाद शुल्क विभाग वर्ष 1855 में अंग्रेजों द्वारा स्थापित भारत के सबसे पुराने विभाग में से एक है।
•आज ही के दिन वर्ष 1944 में केन्द्रीय उत्पाद शुल्क तथा नमक कानून बनाया गया था।
•वर्ष 1996 से पहले केंद्रीय उत्पाद शुल्क अधिनियम, 1944, केन्द्रीय उत्पाद शुल्क व नमक अधिनियम, 1944 के नाम से जाना जाता था।
•भारत में यह विभाग केंद्रीय अप्रत्यक्ष कर और सीमा शुल्क (CBIC), माल, और सेवा कर (GST), केंद्रीय उत्पाद शुल्क, और नारकोटिक्स के संचालन के लिए जिम्मेदार है।
•केंद्रीय उत्पाद और सीमा शुल्क बोर्ड (सीबीईसी) केंद्रीय वित्त मंत्रालय के अधीन राजस्व विभाग का एक हिस्सा है।
•इस बोर्ड के अपने अधीनस्थ संगठनों हेतु प्रशासनिक प्राधिकरण है जिसमें कस्टम हाउस, केंद्रीय उत्पाद शुल्क और सेवा कर आयुक्त और केंद्रीय राजस्व नियंत्रण प्रयोगशाला शामिल हैं।
•सेंट्रल एक्साइज डिपार्टमेंट को सरकारी ऐजेंसियों बीएसएफ, ईडी, एनसीबी, इनकम टैक्स, आईटीबीपी, के मुकाबले सबसे ज्यादा सर्वश्रेष्ठ एंटी स्मगलिंग ऐजेंसी का अवॉर्ड मिल चुका है।
•वर्ष 1979 में सेंट्रल एक्साइज की इंटैलीजेंस एजेंसी (डीजीसीईआई) की स्थापना हुई थी। जो कि साल 2000 तक ऐजेंसी डाईरेक्टोरेट जनरल ऑफ एटीविजन के नाम से जानी जाती थी।
Nice kaka
जवाब देंहटाएंBhuth Accha likhe ho
जवाब देंहटाएं