"स्विट्ज़रलैंड: जहाँ सात राष्ट्रपति मिलजुलकर देश चलाते है"
स्विट्जरलैंड को दुनिया के सबसे खूबसूरत जगहों में से एक माना जाता है। यहां 1,500 से ज्यादा झीलें हैं और कोई भी झील देश की सीमा के अंदर दूसरी झील से 16 किमी. से ज्यादा दूर नही है। इस देश का करीब 70 फीसदी हिस्सा पहाड़ों से ढंका हुआ है। दुनियां का सबसे व्यवस्थित बैंकिंग सेक्टर यहीं का है।
स्विट्ज़रलैंड में भी ज्यादातर देशों की तरह द्विसदनीय शासन व्यवस्था है। देश में कुल 26 प्रान्त है। वहाँ 200 सीट वाले प्रथम सदन को राष्ट्रीय कौंसिल कहा जाता है तथा 46 सीट वाले द्वितीय सदन को कौंसिल ऑफ स्टेट कहा जाता है। दोनों सदनों को मिलाकर संघीय सभा कहा जाता है।
देश की संघीय सभा एक संघीय परिषद (फेडरल कौंसिल) को चुनती है जिसमें 7 सदस्य होते हैं। एक तरह से ये सातों सदस्य देश के सबसे शक्तिशाली व्यक्ति होते है। पूरी कौंसिल को ही हेड ऑफ द स्टेट कहा जाता है। लेकिन उसी कौंसिल में से एक सदस्य को 1 वर्ष के लिए देश का राष्ट्रपति बनाया जाता है लेकिन उसके पास अलग से कोई पावर नहीं होता है। एक वर्ष बाद 7 सदस्यों में से अन्य को क्रमशः मौका मिलता है। वर्तमान में गाए परमेलिन 1 जनवरी 2021 से राष्ट्रपति के रूप में सत्ता में है। वैसे तो स्विस राष्ट्रपति अपने कार्यकाल में विदेश यात्राओं पर जाते ही नहीं है लेकिन कभी जाते भी है तो अपने डिपार्टमेंट के हेड की हैसियत से ना कि राष्ट्रपति की हैसियत से। बाहरी राजनयिक का स्वागत करना हो तो सातों एक साथ एयरपोर्ट पर उपस्थित होते हैं। सभी निर्णय भी सब मिलकर लेते हैं।
देश में 8 वां सबसे मजबूत पद चांसलर ऑफ स्विट्ज़रलैंड का होता है। वर्तमान में यह पद 1 जनवरी 2021 से वाल्टर थर्नहर के पास है। उनका काम संघीय सभा और संघीय परिषद के बीच में सामंजस्य बिठाना तथा बिना वोट दिए संघीय परिषद की महत्वपूर्ण सभाओं में उपस्थित रहना होता है।
कहते है कि "साझेदारी की हंडिया चौराहे पर जाकर फूट जाती है" लेकिन स्विट्ज़रलैंड में तो यह खूबसूरत व्यवस्था एक शताब्दी से भी अधिक समय से चल रही है।
आपको भी शायद यह व्यवस्था अच्छी लगी होगी।
Good job
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