आतंकवाद विरोधी दिवस
(Anti Terrorism Day)
❖ भारत में प्रत्येक वर्ष 21 मई को आतंकवाद विरोधी दिवस मनाया जाता है।
❖ इस दिन को मनाने के पीछे का उद्देश्य युवाओं को आतंकवाद और हिंसा के रास्ते से दूर करना है।
❖ आम लोगों की पीड़ा को उजागर करना और यह दिखाना कि आतंकवाद कैसे राष्ट्रीय हित के लिए हानिकारक है।
❖ साथ ही युवाओं को सही दिशा दिखाना ताकि वे भूलकर भी किसी भी लालच में विभिन्न आतंकवादी समूहों का हिस्सा न बनें।
❖ देश, समाज और व्यक्ति सभी को आतंकवाद की छाया तक न पड़ने देने के उद्देश्य से इस दिन को मनाया जाता है।
❖ इस दिन भारत के सबसे युवा प्रधानमंत्री राजीव गांधी की हत्या (21 मई, 1991) हुई थी और उनकी हत्या की इस घटना में पूरी तरह से आतंकवाद का हाथ था।
❖ यही वजह है कि उनकी हत्या के बाद से ही यह तय किया गया कि इस दिन को आतंकवाद विरोधी दिवस के रूप में मनाया जाएगा।
❖ इस दिन सभी सरकारी कार्यालयों और सार्वजनिक संस्थानों में आतंकवाद विरोधी प्रतिज्ञा ली जाती है।
❖ विद्यालयों में विशेष तौर पर बच्चों को इस विषय में जागरूक किया जाता है।
❖ इसके अलावा आतंकवाद और उसके दुष्प्रभावों को उजागर करने हेतु बड़े पैमाने पर शिक्षा कार्यक्रम आयोजित किए जाते हैं।
❖ जैसा कि देश आतंकवाद की बुराई से लड़ रहा है और शांति कायम रखता है।
❖ भारत में तीन आतंकी हमलों , पुलवामा हमला ,26/11 मुंबई हमला,संसद हमला 2001 ने भारत को झकझोर कर रख दिया और सोचने पर मजबूर कर दिया कि आखिर कब तक ऐसे अनैतिक कार्य होते रहेंगे, इन पर जल्द से जल्द सख्त कदम उठाने ही होंगे।
❖ वैश्विक आतंकवाद (GTI) 2020 रिपोर्ट के अनुसार:-
2019 में आतंकवाद से दक्षिण एशिया सबसे अधिक प्रभावित क्षेत्र बना हुआ है। जिसमें किसी भी अन्य क्षेत्र की तुलना में अधिक मौतें दर्ज की गई हैं।
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