महात्मा ज्योतिबा फुले
(Mahatma Jyotiba Phule)
(11 अप्रैल, 1827 - 28 नवंबर, 1890)
भारतीय समाजसुधारक, प्रबोधक, विचारक, लेखक, व दार्शनिक ज्योतिबा गोविंदराव फुले का जन्म 11 अप्रैल 1827 को खानवाडी, पुणे, ब्रिटिश भारत ( महाराष्ट्र) में हुआ था| इन्हें महात्मा फुले या जोतिबा फुले के नाम से भी जाना जाता है।
शिक्षा : स्कॉटिश मिशन हाई स्कूल, पुणे।
विचारधारा :-
• महात्मा फुले उदारवादी, समतावादी तथा समाजवादी थे। जो समाज के सभी वर्गो को शिक्षा प्रदान करने के प्रबल समथर्क तथा भारतीय समाज में प्रचलित जातिगत विभाजन व भेदभाव एवं लिंग भेद के पुरज़ोर विरोधी थे।
कार्य व समाज में भूमिका :-
• 24 सितंबर 1873 को, उन्होंने दलितों के लिए समान अधिकार प्राप्ति की जंग हेतु “सत्यशोधक समाज” (सोसाइटी ऑफ ट्रूथ सीकर्स) का गठन किया। सभी धर्मों व जातियों के लोग जो शोषित वर्गों के उत्थान के लिए प्रयत्नशील थे, इस संघ का हिस्सा बन सकते थे।
समाज के शिक्षा विकास में भूमिका :-
• देश की पहली महिला शिक्षक सावित्रीबाई फुले ने अपने पति ज्योतिबा फुले के सहयोग से साल 1848 में पुणे में तात्यासाहेब भिड़े के निवास स्थान, भिड़ेवाड़ा (पुणे, महाराष्ट्र) में देश के सबसे पहले बालिका स्कूल की स्थापना की थी।
• इसी तरह उस समय में लड़कियों को शिक्षित करने के लिए कुल 18 स्कूल खोलें।
प्रकाशन : -
• बतौर लेखक ज्योतिबा ने तृतीया रत्न (1855), पोवाड़ा: छत्रपति शिवाजीराजे भोंसले यंचा (1869), शेटकरायच आसुद (1881) का प्रकाशन किया था।
स्मृति स्मारक : फुले वाड़ा, पुणे, महाराष्ट्र।
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