शौर्य दिवस
(Gallantry day)
प्रत्येक वर्ष 9 अप्रैल को देश के सबसे बड़े केंद्रीय रिज़र्व पुलिस बल (सीआरपीएफ) द्वारा अपने जवानों की वीरता को नमन करते हुए शौर्य दिवस मनाया जाता है। इसका संबंध वर्ष 1965 के ऐतिहासिक और दुनिया भर में अपनी तरह के एकमात्र उस युद्ध से है जिसमें सीआरपीएफ के जांबाज जवानों की एक छोटी सी टुकड़ी ने पाकिस्तान की विशाल पैदल सेना को पीछे खदेड़ कर उनके मंसूबों पर पानी फेर दिया था।
इतिहास : (पाकिस्तान का ऑपरेशन डेजर्ट हॉक):-
• बीएसएफ की स्थापना से पहले के उस वक्त में गुजरात के सीमांत भू-भाग पर सीआरपीएफ तथा राज्य पुलिस फोर्स को तैनात किया हुआ था। गुजरात के रण ऑफ कच्छ की 'टाक' व 'सरदार पोस्ट' पर सीआरपीएफ की दूसरी बटालियन की चार कंपनियाँ तैनात थी।
• ऑपरेशन डेजर्ट हॉक का मकसद भारत की सैन्य चौकियों पर जीत हासिल करते हुए भारतीय भू-भाग पर कब्जा करना था। जिसके लिए 9 अप्रैल, 1965 की अलसुबह पाकिस्तान की एक पूरी इन्फेंट्री ब्रिगेड (जिसमें करीब 3500 पैदल सैनिक थे) ने रण ऑफ कच्छ की 'टाक' व 'सरदार पोस्ट' पर हमला कर दिया।
• करीब 14 घंटे तक चले उस भीषण समर में सीआरपीएफ की छोटी सी टुकड़ी ने शत्रु की विशाल ब्रिगेड का डट कर सामना करते हुए उसे पीछे हटने को मजबूर कर दिया। इस युद्ध में भारतीय जवानों ने 34 पाकिस्तानी सैनिकों को मार गिराने के साथ ही 4 सैनिकों को जिंदा गिरफ्तार कर लिया लेकिन अपने 6 जवानों को भी खो दिया था।
• उन शहीदों की याद और सीआरपीएफ की इस अविश्वसनीय गाथा के सम्मान में ही यह वीरता दिवस मनाया जाता है।
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