डिजिटल लर्निंग डे : 2021
(Digital Learning Day: 2021)
10 वर्ष पहले शुरू हुआ यह दिन दूरस्थ व रूपांतरित होती शिक्षा के विकसित होते सिद्धांत, शिक्षण और शिक्षाशास्त्र का समर्थन करने हेतु डिजिटल प्रौद्योगिकी को समर्पित है।
•डिजिटल लर्निंग शिक्षकों को विद्यार्थियों की प्रगति को जल्द ट्रैक करने में सक्षम बनाता है। उनके पास विद्यार्थियों के काम का सुलभ ऑनलाइन रिकॉर्ड होता है जिसके द्वारा वे शिक्षा के प्रति उनकी प्रतिबद्धता की निगरानी कर सकते हैं।
शुरुआत :-
•इंटरनेट पर आभासी कक्षाओं के माध्यम से ऑनलाइन सीखना पारंपरिक पाठ्यक्रमों के विपरीत दूरस्थ शिक्षा का नवीनतम विकास है जो कि 1990 के दशक के मध्य में इंटरनेट और वर्ल्ड वाइड वेब के प्रसार के साथ शुरू हुआ था।
वर्चुअल व डिजिटल लर्निंग में अंतर :-
•वर्चुअल लर्निंग एक ऑनलाइन कंप्यूटर आधारित शिक्षा है जो या तो पूर्णकालिक होती है या किसी विद्यार्थी के कोर्स लोड के सप्लीमेंट हेतु उपयोग की जाती है। दूसरी ओर डिजिटल लर्निंग एक तकनीकी कक्षा के फ्रेम-वर्क में एक शिक्षक व छात्र की सहायता हेतु उपयोग की जाने वाली स्मार्ट बोर्ड या कंप्यूटर टैबलेट पाठ्यपुस्तकों जैसी तकनीक को दर्शाती है।
दूरस्थ शिक्षा का इतिहास :-
•ऑनलाइन शिक्षण में पोस्टकॉन्डरी संस्थानों द्वारा प्रस्तावित पाठ्यक्रम शामिल हैं जो बड़े पैमाने पर खुले ऑनलाइन पाठ्यक्रमों (एमओओसी) के अलावा सौ फीसदी आभासी हैं।
•पहला पत्राचार पाठ्यक्रम 1800 के दौर में ‘पार्सल पोस्ट’ के जरिए उन छात्रों से शुरू हुआ था जो विश्वविद्यालय नहीं पहुँच सकते थे।
•1919 में विस्कॉन्सिन विश्वविद्यालय ने एक रेडियो स्टेशन शुरू किया, जो शैक्षिक प्रसारण हेतु समर्पित पहला लाइसेंस प्राप्त रेडियो स्टेशन बना।
कॉर्पोरेशन फॉर पब्लिक ब्रॉडकास्टिंग (CPB):-
•टेलीविजन द्वारा शिक्षा (टेलीकोर्स) का महत्व वर्ष 1967 में (CPB) द्वारा स्थापित किया गया। CPB मिशन "सार्वजनिक रेडियो व टेलीविज़न प्रसारण के विकास को प्रोत्साहित करने के लिए था।
•वर्ष 1989 – “फीनिक्स विश्वविद्यालय, यूएसए” ने इंटरनेट द्वारा शिक्षा कार्यक्रमों की पेशकश शुरू की। तथा 1993 में “इलिनोइस विश्वविद्यालय, शिकागो” द्वारा पहले इंटरनेट वेब ब्राउज़र की शुरुआत के साथ ही ऑनलाइन शिक्षा का विकास शुरू हुआ।
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