कैलाश मानसरोवर यात्रा, 2025
(Kailash Mansarovar Yatra, 2025)
✅विदेश मंत्रालय ने कैलाश मानसरोवर यात्रा पुनः आरंभ करने की घोषणा की। यह तीर्थयात्रा, जो मूल रूप से 1981 में एक द्विपक्षीय समझौते के तहत शुरू हुई थी, को 2020 में COVID-19 महामारी के कारण चीनी सरकार द्वारा निलंबित कर दिया गया था।
✅विदेश मंत्रालय ने घोषणा की कि दोनों मार्ग - उत्तराखंड में धारचूला से लिपुलेख दर्रे और सिक्किम में गंगटोक से नाथू ला दर्रे के माध्यम से - जून और अगस्त 2025 के बीच तीर्थयात्रियों या "यात्रियों" के लिए फिर से खोल दिए जाएंगे।
✅कैलाश पर्वत की ऊँचाई 6,638 मीटर है और यह हिंदू, बौद्ध, जैन और बॉन (तिब्बत का मूल धर्म) धर्मों के लिये एक पवित्र शिखर है। तिब्बती बौद्ध अनुयायियों के लिये, कैलाश ब्रह्मांडीय अक्ष या मेरु पर्वत है, जो स्वर्ग और पृथ्वी को जोड़ता है।
✅हिंदू धर्म में, यह भगवान शिव और देवी पार्वती का वास स्थल है । जैन धर्म में, कैलाश अष्टपद है, जहाँ ऋषभनाथ को ज्ञान प्राप्त हुआ था । कैलाश पर्वत को पृथ्वी का आध्यात्मिक केंद्र कहते हैं, जहाँ से सतलुज, ब्रह्मपुत्र, करनाली और सिंधु नदियाँ निकलती हैं। मानसरोवर झील पर्वत की तलहटी में स्थित है ।
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