google.com, pub-1480548673532614, DIRECT, f08c47fec0942fa0 google.com, pub-1480548673532614, DIRECT, f08c47fec0942fa0 Kabu Education : परमार राजवंश (Parmar Dynasty)

परमार राजवंश (Parmar Dynasty)


परमार राजवंश



🔹परमार वंश का उदय नौवीं शताब्दी के आरंभ में आबू पर्वत के निकट हुई था। 


👉कृष्णराज (उपेंद्र):-

इस वंश के संस्थापक कृष्णराज (उपेंद्र) थे।  वह राष्ट्रकूटों का सामंत था।  प्रारंभ में, परमारों ने गुजरात में निवास किया, लेकिन बाद में वे मालवा चले गए और वहाँ स्वतंत्र रूप से शासन करने लगे।


👉 श्रीहर्ष:-

 इस वंश का पहला स्वतंत्र शासक श्रीहर्ष था, इस राजवंश का दूसरा सबसे शक्तिशाली शासक मुंज था। उन्होंने 974 ई. से 995 ई.तक शासन किया।  वह बहुत विद्वान था।  वे स्वयं उच्च कोटि के कवि और विद्वानों के अग्रदूत थे। 


👉 भोज:-

परमार वंश का सबसे प्रतापी और विख्यात राजा भोज था।  1018 ई. से 1060 ई.। तक शासन किया।  पहले उन्होंने कल्याणी के चालुक्य राजा को हराया।  उन्होंने अन्य राजाओं के साथ भी सफलतापूर्वक युद्ध किया।  भोज अपनी विजयों के लिए उतना प्रसिद्ध नहीं है जितना कि अपने विद्यानुराग और दानशीलता के लिए।  कहा जाता है कि वह कवियों को एक - एक श्लोक की रचना के लिए एक - एक  लाख मुद्राएँ दान किया करते थे।  वह धरा नगरी के राजा के नाम से प्रसिद्ध हैं।  


👉 उदयादित्य:-

परमार वंश का अंतिम शक्तिशालीशासक उदयादित्य थे जिन्होंने 1059 ई. से 1088 ई. तक शासन किया । चौदहवीं शताब्दी के आरंभ में, अलाउद्दीन खिलजी के सेनापति ऐनुलमुल्क ने मालवा पर विजय प्राप्त की और उसे खिलजी साम्राज्य में शामिल कर लिया।


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