विश्व धरोहर दिवस
(World Heritage Day)
हज़ारों वर्षों से मानव सभ्यता की विभिन्न विरासतें हमारे जीने के तरीकों का बखान करती आई हैं। प्रत्येक वर्ष 18 अप्रैल को विश्व धरोहर (विरासत) दिवस स्मारकों, ऐतिहासिक स्थलों और उनसे जुड़ी समृद्ध विरासत के संरक्षण प्रयासों के प्रति समर्पण भाव से मनाया जाता है।
उद्देश्य :-
• सांस्कृतिक विरासत की विविधता के महत्व के सम्बन्ध में जागरूकता बढ़ाने और भावी पीढ़ियों के लिए इन्हें संरक्षित करने हेतु इस दिवस का अपना महत्व है।
शुरुआत :-
• वर्ष 1982 में स्मारक और ऐतिहासिक स्थलों के लिए अंतर्राष्ट्रीय परिषद (ICOMOS) के प्रयासों को मान्यता देने व वैश्विक धरोहर स्थलों के लिए किए गए कार्यों की सराहना करते हुए अंततः यूनेस्को ने अपने 22 वें आम सम्मेलन के दौरान दिए गए सुझाव को स्वीकार किया और हर वर्ष 18 अप्रैल को विश्व धरोहर दिवस मनाने की आधिकारिक घोषणा की।
स्मारक और स्थलों के लिए अंतर्राष्ट्रीय परिषद (ICOMOS) :-
• 18 अप्रैल 1965 में International Council on Monuments and Sites (ICOMOS) नामक इस गैर-सरकारी संगठन की स्थापना वेनिस के चार्टर को अपनाने के बाद की गई थी। जिसका कार्य दुनिया भर में सांस्कृतिक धरोहर स्थलों का संरक्षण करना है।
• वेनिस चार्टर को 1964 के अंतर्राष्ट्रीय चार्टर के रूप में भी जाना जाता है जो कि स्मारकों व ऐतिहासिक स्थलों के संरक्षण तथा पुनर्स्थापना पर आधारित है।
• सर्वप्रथम 1931 के एथेंस चार्टर ने अंतर्राष्ट्रीय विरासत की अवधारणा को पेश किया था।
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