❇️ गौतम बुद्ध ❇️
(Gautam buddha)
छठी शताब्दी ईसा पूर्व हुए धार्मिक आंदोलन में बौद्ध धर्म की महत्वपूर्ण भूमिका है। जानिए गौतम और बौद्ध धर्म के बारे में|
➡️ जन्म - 563 ई.पू.
➡️ जन्म स्थान - लुम्बिनी
➡️ बचपन का नाम - सिद्धार्थ
➡️ माता - महामाया
➡️ पिता - शुद्धोधन
➡️ पत्नी - यशोधरा
➡️ पुत्र- राहुल
➡️ महाभिनिष्क्रमण/गृहत्याग - 29 वर्ष की अवस्था में
➡️ ज्ञान प्राप्ति - निरंजना नदी तट पर उरुबेला में
➡️ धर्मचक्रप्रवर्तन/प्रथम उपदेश - ऋषिपट्टनम के मृगदाव में
➡️महापरिनिर्वाण/मृत्यु - 483 ई. पू. में
➡️ मृत्युस्थान - कुशीनगर में
➡️ सिद्धार्थ के जन्म के सातवें दिन ही इनकी माता महामाया का स्वर्गवास हो गया था। अतः इनका पालन-पोषण मौसी गौतमी ने किया।
बुद्ध का हृदय परिवर्तन:-
➡️ चार महत्वपूर्ण घटना जिनके कारण बुद्ध को जीवन की सिख मिली ।
1. एक बूढ़ा व्यक्ति – दु:खी
2. एक बीमार व्यक्ति - दु:खी
3. मृत व्यक्ति - दु:खी
4. सन्यासी - प्रसन्न मुद्रा में
➡️ इसी यात्रा से इनके जीवन की वास्तविक यात्रा का प्रारम्भ हुआ व हृदय परिवर्तन हुआ। अंत में इन्होंने इनमें से अंतिम दृश्य अर्थात सन्यास के मार्ग पर चलने का निश्चय किया।
महाभिनिष्क्रमण (गृहत्याग):-
➡️ राजमहल और अपनी वैवाहिक सुख सुविधाओं को छोड़कर 29 वर्ष की अवस्था में गृह त्याग दिया। इस घटना को बौद्ध धर्म में महाभिनिष्क्रमण कहा गया।
ज्ञान की प्राप्ति:-
➡️ 6 वर्ष तपस्या के बाद 35 वर्ष की अवस्था में वैशाख पूर्णिमा की रात निरंजना नदी के तट पर बोधिवृक्ष के नीचे इन्हें ज्ञान की प्राप्ति हुयी।
धर्मचक्रप्रवर्तन/प्रथम उपदेश:-
➡️ बुद्ध का प्रथम उपदेश धर्मचक्रप्रवर्तन के नाम से जाना जाता है, जो सारनाथ में दिया।
महापरिनिर्वाण/मृत्यु:-
➡️ इनकी मृत्यु को बौद्ध धर्म में महापरिनिर्वाण कहा गया| महापरिनिर्वाण हिरण्यवती नदी के तट पर में 483 ई.पू. में हुआ।
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